शनिवार, 6 अक्टूबर 2018

सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय | Biography of Sarvepalli Radhakrishnan

जन्म – 5 सितम्बर 1888
जन्म स्थान – तिरुतनी, मद्रास
पिता – सर्वपल्ली वीरास्वामी
मृत्यु – 17 अप्रैल 1975

शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता !

प्रख्यात शिक्षा विद् एवं भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुतनी नामक गाँव में 5 सितंबर 1888 को हुआ, इनका गाँव मद्रास (चेन्नई) से 64 किमी० दुर था ! इनका परिवार एक तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात रहा है मान्यता है की राधाकृष्णन के पुर्वंज पहले कभी ‘सर्वपल्ली’ नामक ग्राम में रहते थे और 18 वीं शताब्दी के मध्य में इन्होनें तिरुतनी ग्राम की ओर निष्क्रमण किया  था ! इसके पूर्वज चाहते थे कि उनके नाम के साथ उनके जन्म स्थल के ग्राम का बोध भी रहना चाहिए इसी कारण उनके परिजन अपने नाम के पूर्व सर्वपल्ली धारण करने लगे ! इनके पिता सर्वपल्ली वीरा स्वामी राजस्व विभाग में नौकरी करते थे जिससे इनके परिवार का भरण पोषण होता था ! राधाकृष्णन पांच भाई एवं एक बहन थे जिस कारण से परिवार का भरण पोषण करने में इनके पिता को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था ! राधाकृष्णन का बचपन तिरुतनी एवं तिरुपति जैसे धार्मिक स्थानों पर व्यतीत हुआ इनके पिता धर्म को लेकर काफी भावना युक्त थे ! इन सब के उपरान्त भी इनके पिता ने इनका दाखिला क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कुल, तिरुपति में 1896-1900 के मध्य विद्याध्ययन के लिये भेजा ! फिर अगले चार वर्ष (1900-1904) की उनकी शिक्षा वेल्लूर में हुई ! इसके बाद इन्होनें मद्रास क्रिशिच्यं कालेज, मद्रास में शिक्षा प्राप्त की ! अपने इन 12 वर्षो के अध्ययन काल में राधाकृष्णन ने बाइबिल के महत्वपूर्ण अंश याद कर लिये !

बचपन से एम०ए० करने के पश्चात् 1916 में मद्रास के रेजीड़ेंजी कालेज में दर्शनशास्त्र  के सहायक प्राध्यापक पद पर अपनी सेवाए प्रदान करने लगें ! राधाकृष्णन ने अपनी रचनाओं और भाषाओँ के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व को भारतीय दर्शन से परिचित करवाया ! इनकी बहुमुखी प्रतिभा के कारण स्वतंत्रता के बाद इन्हें संविधान निर्मात्री सभा का सदस्य बनाया गया ! ये 1747 से 1949 तक इसके सदस्य रहे, जवाहर लाल नेहरू चाहते थे की वे गैर राजनीतिक व्यक्ति होते हुए भी संविधान सभा के सदस्य बने ! अध्यापन की दुनिया में इनका परम सौभाग्य था कि इन्हें इनकी प्रकृति के मुताबित आजीविका प्राप्त हुयी ! 17 अप्रैल 1975 को 88 वर्ष की आयु में चेन्नई में इनका देहांत हो गया !

उपाधि

1931 से 1936 तक आन्ध्र विश्वविद्यालय के कुलपति

1936 से 1952 तक आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय प्राध्यापक

1937 से 1948 तक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति

1953 से 1962 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति

भारत रत्न  – 1954

प्रथम उपराष्ट्रपति- 13 मई 1952 से 12 मई 1962

द्वितीय राष्ट्रपति  13 मई 1962 से 13 मई 1967

इनके जन्म दिवस 5 सितम्बर के अवसर पर प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है !

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